शिक्षक दिवस का महत्व
भारत में गुरु विशेष महत्व दिया गया है, गुरु पूर्णिमा का पर्व भारत में प्राचीन समय से इसी कारण माना जाता रहा है, भक्तिकालीन संत कबीरदास ने कहा है कि :
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागू पाय| बलिहारी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताय||
अर्थात जब आपके समक्ष गुरु और ईश्वर दोनों उपस्थित हो तो पहले किस के चरण स्पर्श करना चाहिए , क्योंकि गुरु ने ही हमें भगवान के पास पहुँचने का ज्ञान प्रदान किया है।
आइए जाने शिक्षक दिवस और गुरु के महत्व बारे में :
1. भारत में शिक्षक दिवस भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म दिवस के अवसर अर्थात 5 सितंबर को मनाया जाता है।
2. डॉ राधाकृष्णन टीचर्स का मानना था कि शिक्षकों को देश का सबसे अच्छा दिमाग होना चाहिए , राधाकृष्णन के भारत के राष्ट्रपति बनने के उपरान्त, उनके छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी ।, उन्होंने जवाब दिया, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय यह मेरे लिए गौरव की बात होगी । उनके सम्मान मे शिक्षक दिवस भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है।
3. क्या आप जानते हैं ,विश्व शिक्षा दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह तारीख यूनेस्को द्वारा निर्धारित की गई है।
4. अधिकतर देशो में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को ही माना जाता है।
5. स्लोवाकिया मैं शिक्षक दिवस 28 मार्च यानी जॉन अमोस कोमेनियस की जन्मतिथि के दिन मनाया जाता हैं, जॉन अमोस कोमेनियस को कुछ लोग आधुनिक शिक्षा का पिता भी कहते है।
6. सिंगापुर में शिक्षक दिवस सितंबर के पहले शुक्रवार को मनाया जाता है।
7. गीता में गुरु का महत्व 15वें अध्याय में बताया गया है, हिंदू धर्म ग्रंथो के अवसर मोक्ष बिना आध्यात्मिक गुरु के संभव नहीं है।
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